धार संवादाता सुरेश चौहान की रिपोर्ट - मध्य प्रदेश खबर। भोपाल प्रदेश के सरकारी व निजी स्कूल अभिभावकों की सहमति से खुलेंगे। इस संबंध में अभिभावकों, शिक्षाविदों सहित आम नागरिकों से सुझाव मांगा गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल खोलने के संबंध में शिक्षा पोर्टल पर सुझाव मांगा है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने सभी राज्यों से स्कूल खोलने को लेकर आम नागरिकों से परामर्श लेने को कहा है। विभाग ने सभी से शिक्षा पोर्टल के माध्यम से सुझाव देने के लिए कहा है।
विभाग ने फिलहाल स्कूल खोलने के लिए कोई तिथि निश्चित नहीं की है। स्कूलों को खोलने की प्रक्रिया कब और कैसे शुरू की जाए, इस पर कोई भी निर्णय अगस्त के बाद कोविड-19 की स्थिति को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
विभाग का मानना है कि स्कूल शुरू करने से पहले अभिभावकों, विद्यार्थियों, शिक्षाविदों, शिक्षकों, शिक्षण संस्थानों एवं अधिकारियों से परामर्श करना अनिवार्य है। सभी के सुझाव एवं सहमति के अनुसार स्कूल खोलने को लेकर फैसला लिया जाएगा। ज्ञात हो कि कोविड-19 के संक्रमण के कारण 22 मार्च से प्रदेश के सभी स्कूल बंद हैं।
वहीं, मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गुरुवार को स्कूल शिक्षा विभाग को ऑनलाइन कक्षाओं के संबंध में सुझाव जारी किए हैं।
पोर्टल पर सुझाव देने के लिए यह करना होगा शिक्षा पोर्टल के विमर्श मंच पर दी गई लिंक पर अपने सुझाव देने होंगे। व्यक्ति को सुझाव देने के लिए अपना मोबाइल नंबर डालना होगा। इसके बाद दिए गए मोबइल नंबर पर ओटीपी के सत्यापन होने पर व्यक्ति अपना सुझाव दे सकता है। एक मोबाइल नंबर से एक बार ही सुझाव दर्ज कर सकेंगे।
बाल आयोग ने दिया सुझाव ऑनलाइन कक्षाओं पर लगे रोक निजी स्कूलों द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन कक्षाओं के संबंध में अभिभावकों द्वारा की गई शिकायतों के आधार पर बाल आयोग ने शिक्षा विभाग को सुझाव दिए हैं।
आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान व अमिता जैन का कहना है कि पहली से पांचवीं कक्षा तक ऑनलाइन कक्षाएं नहीं चलाई जाएं। वहीं, छठवीं से बारहवीं तक के लिए हर रोज दो विषयों की शिक्षण सामग्री व होमवर्क तैयार कर स्कूल की वेबसाइट एवं वाट्सएप ग्रुप पर अपलोड कर सकते हैं, ताकि बच्चे उन्हें सुविधा अनुसार पढ़ सकें
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