@बदनावर से सुरेश सिंह चौहान की रिपोर्ट - बदनावर को मिलेगा हक...क्षेत्र मे उत्साह_
(धार बदनावर )सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार नए मंत्रीमण्डल में क्षेत्र के पूर्व विधायक राजवर्धनसिंह दत्तीगांव को भी शामिल किया जाएगा। दत्तीगांव अनुभवी व शिक्षित है। 3 बार विधायक चुने गए थे। इसके बावजूद उन्हें कमलनाथ सरकार में मंत्री मण्डल में शामिल नही किया गया था। जबकि कमलनाथ सरकार में 2 बार चुनाव जीते विधायको को मंत्री बना दिया गया था। प्रदेश के बड़े नेताओ की गुटबाजी के कारण उन्हें यह हक नही मिल पाया था। इस कारण उन्होंने गत मार्च में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था व भाजपा में शामिल हो गए थे। अब शिवराज सरकार में उनके मंत्री बनने की पूरी संभावना है। कांग्रेस सरकार में तो दत्तीगांव मंत्री नहीं बन सके किंतु अब सत्ता परिवर्तन के बाद यह उम्मीद प्रबल हो गई है कि अभी दत्तीगांव को उनकी योग्यता के आधार पर मंत्री पद मिल सकता है।
1952 से अभी तक बदनावर का कोई भी विधायक नही बना मंत्री
क्षेत्र की जनता भी चाहती है कि क्षेत्र का विधायक मंत्री बने व विकास की गति रफ्तार पकड़े। जानकारी के अनुसार सन 1952 से लेकर अब तक हुए 15 चुनाव में कभी ऐसा मौका नहीं आया कि बदनावर से जीते हुए विधायक को प्रदेश के मंत्रिमंडल में स्थान मिला हो। हालांकि कई बार काफी वरिष्ठ व अनुभवी व्यक्ति बदनावर से निर्वाचित हुए हैं। जिनमें मनोहरसिंह मेहता, रघुनाथसिंह माथुर, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव के साथ ही जनसंघ अथवा भाजपा के डॉ गोवर्धनलाल शर्मा, रमेशचंद्र सिंह राठौर गट्टूबना, खेमराज पाटीदार, भंवरसिंह शेखावत जैसे वरिष्ठ लोग शामिल हैं। किंतु दुर्भाग्य से अभी तक किसी को भी बदनावर से मंत्री बनने का सौभाग्य नहीं मिला। हालांकि एक बार इंदौर निवासी मनोहरसिंह मेहता प्रदेश के शिक्षा मंत्री रह चुके हैं, किंतु वे तब बदनावर से निर्वाचित नहीं हुए थे। मेहता 1957 में बदनावर से विधायक रह चुके थे किंतु शिक्षा मंत्री बाद में बने। इसी तरह भाजपा के वसंतराव प्रधान 1977 में राज्य परिवहन निगम के अध्यक्ष रहे थे किंतु वे भी 1972 में कांग्रेस के चिरंजी गुप्ता से पराजित हो चुके थे। अभी 2013 में बदनावर से विजयी भाजपा नेता भंवरसिंह शेखावत के भी मंत्री बनने की सँभावना थी। किन्तु उन्हें मौका नही मिला। अब दत्तीगांव के मंत्री बनने से जनता की यह उम्मीद पूरी होगी।
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