केंद्राध्यक्ष नहीं निभा रहे है अपनी भूमिका देखे केसे खेल रहे है बच्चो के भविष्य के साथ

केंद्राध्यक्ष नहीं निभा रहे है अपनी भूमिका देखे केसे खेल रहे है बच्चो के भविष्य के साथ 

@कन्हैयालाल धाकड़ - बोर्ड परीक्षाओं में कुछ केंद्राध्यक्ष अच्छे से करा रहे परीक्षा तो कुछ केंद्रों पर चल रही केंद्राध्यक्ष की मनमर्जी

धार। जिले के नवागत मुखिया कलेक्टर आलोक सिंह के नेतृत्व में जहां कुछ परीक्षा सेंटरों पर माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड की बची हुई परीक्षाएं काफी अच्छे से चल रही है और उनमें विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए लगभग सभी नियमों का ध्यान भी रखा जा रहा है, वही कुछ केंद्रों पर लापरवाही बर्ती जा रही है । 

बच्चो के स्वास्थ के साथ किया का रहा है खिलवाड़ -

 इंदौर से अप डाउन करने वाले केंद्राध्यक्षो के कारण परीक्षाओं को सिर्फ मजाक के रूप में लिया जा रहा है और लापरवाही बरती जा रही हैं। आदिवासी विभाग के सहायक आयुक्त बृजेश चंद्र पांडे भी पुरजोर कोशिश कर रहे हैं कि परीक्षाएं अच्छे से संपन्न हो और केंद्र अध्यक्षों को तोते की तरह पाठ पढ़ा रहे हैं कि क्या-क्या करना है और क्या नहीं करना है ? आरोप है कि इसके बाद भी कुछ केंद्राध्यक्ष सिर्फ पैसे कमाने के लिए ही केंद्राध्यक्षी कर रहे हैं, उन्हें विद्यार्थियों की सुरक्षा से कोई खास लेना-देना नहीं है।
 
       ऐसा ही वाक्य विगत कुछ  दिवसों में देखने को  मिला जब वह धार शहर के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा के संचालन को कवरेज करने के लिए गया। शासकीय उमावि क्रमांक 2 धार स्थित परीक्षा केंद्र पर विद्यार्थियों को लाइन लगाकर उनकी थर्मल स्क्रीनिंग व हाथों को सेनिटाइजर कराया जा रहा था और परीक्षा संचालन की व्यवस्थित तैयारी हो रही थी। इन केंद्रों पर केंद्राध्यक्ष श्रीमती अर्चना यादव एवं उमा सिंह हैं। इसी प्रकार उत्कृष्ट विद्यालय धार के केंद्र पर भी कलेक्टर एवं सहायक आयुक्त के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन कर अधिक दूरी के अंतर्गत विद्यार्थियों को बैठाया गया था और मास्क उपलब्ध करवाए गए थे। इस केंद्र पर केंद्राध्यक्ष श्रीमती महुआ बोरकर हैं।
       
वहीं शासकीय भोज कन्या धार में परीक्षा संचालन के दौरान एक केंद्र पर अव्यवस्थाओं का आलम था तथा दो केन्द्र होने से दो केंद्राध्यक्ष बनाए गए थे। एक केंद्र पर केंद्राध्यक्ष श्रीमती किरण गौतम थी जिन्होंने छात्रों की संख्या व उनकी सुरक्षा के बारे में पूरी जानकारी दी और उनका पालन भी कर रही थी लेकिन दूसरे केंद्र पर केंद्राध्यक्ष श्रीमती अनीता चिंचोलीकर थी जो जानकारी देने में हीला हवाली करने लगी तथा कमियों को छुपाने के लिए अनावश्यक रूप से अपना प्रभाव दिखाने का प्रयास करने लगी कि उनकी पकड़ ऊपर तक है। इनके केंद्र पर ना तो आइसोलेशन कक्ष बनाया गया था और ना ही अन्य व्यवस्थाएं सुचारू रुप से की गई। यहां अव्यवस्थाओं के बीच परीक्षाएं चल रही थी

विगत लगभग 4 वर्षों से कर रही है इस केंद्र में कार्य -
श्रीमती अनीता चिंचोलीकर हाई स्कूल सादलपुर में प्राचार्य हैं और वहाँ भी इंदौर से आना-जाना करती हैं। वर्तमान में परीक्षाओं के लिए भी वे इंदौर से ही आना जाना कर रही है, कभी-कभार ही धार रूकती है। इनके रसूख का यह आलम है कि यह पिछले 4-5 वर्षों से धार शहर में ही भोज कन्या स्कूल सहित शहर के अन्य स्कूलों में ही केंद्राध्यक्ष रहती आई हैं। बताते हैं कि इन धार शहर के स्कूलों में पैसा बहुत अधिक मिलता है, जिसके लालच में यह धार शहर में अपने रसूख के चलते अंगद के पैर की तरह जमकर पिछले तीन-चार सालों से केंद्राध्यक्ष बनती आई हैं।
आपको बता दे की श्रीमती अनीता चिचोलिकर विगत 4 वर्षों से इसी केंद्र में केंद्राध्यक्ष की भूमिका अदा कर रही थी मगर हर वर्ष इनके केंद्र से ऐसी की अव्यवस्था मिली । 

कलेक्टर के आदेश की अवेहलना - 
जैसा कि जिला कलेक्टर के आदेशानुसार प्रत्येक बच्चे की पूर्ण रूप से जांच की जाए उसके उपरांत ही उससे एग्जाम केंद्र में प्रवेश दिया जाए मगर इस केंद्र में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी और नाही कोई जांच की गई । जिला कलेक्टर के आदेश की सरे आम इन्होंने ढजिया उड़ती दिखाई दे रही है।  

भोज कन्या की केंद्राध्यक्ष करवा रही मनमर्जी से परीक्षा - 
ना सेनेटाइजर, ना स्कैनिंग , भोज कन्या की केंद्राध्यक्ष करवा रही मनमर्जी से परीक्षा । बच्चो के भविष्य को अंधकारमय करते दिखाई दे रही है ये केंद्राध्यक्ष । बच्चो के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ । 

अस्वस्थ ओर स्वास्थ विद्यार्थी को एक साथ बैठाया -
मंगलवार को संवाददाता के सामने विद्यालय में हुई चर्चा में यह बात सामने आई कि विगत दिवस बीमार विद्यार्थी को जिसे सर्दी, खांसी, हल्का बुखार था उसको भी सामान्य विद्यार्थियों के साथ बैठा दिया गया था। औऱ परीक्षा दिलवा दी गई। बाद में इस बात पर लीपापोती करती केंद्राध्यक्ष अनिता चिंचोलीकर नजर आई। 
विद्यालय से ही प्राप्त जानकारी के अनुसार इनके द्वारा एक बीमार छात्रा को भी सामान्य छात्राओं के साथ बैठा दिया गया था।  बीमार विद्यार्थी को दिलवा दी सामान्य विद्यार्थियों के साथ परीक्षा

कुछ वर्षों पूर्व तत्कालीन कलेक्टर श्रीमन शुक्ला ने दिए थे निलंबन के आदेश, जोड़तोड़ कर बची, फ़ाइल खुलवाई जाएगी -

श्रीमती अनीता चिंचोलीकर सादलपुर में भी इंदौर से आना-जाना करती है तथा डयूटी मुख्यालय पर नहीं रहती हैं। टाइम बे टाइम आना जाना करती हैं। कुछ वर्ष पूर्व तत्कालीन कलेक्टर श्रीमन शुक्ला के कार्यकाल के दौरान कलेक्टर शुक्ला सादलपुर स्कूल पहुंच गए थे और वहां पर चिंचोलीकर और कुछ शिक्षक अनुपस्थित मिले थे। तत्कालीन कलेक्टर ने शिक्षकों सहित प्राचार्य चिंचोलीकर को भी सस्पेंड करने के आदेश दिए थे। छोटे कर्मचारी होने से शिक्षक तो तत्काल निलंबित हो गए थे लेकिन चिंचोलीकर अपनी पहुंच पकड़ और शुभ लाभ के चलते बचने में सफल हो गई थी। बताते हैं कि इंदौर कार्यालय में निलंबित होने के कागजात शुभ लाभ के चलते दबा दिए थे। जिसे खुलवाने की कार्यवाही की जाएगी। समाचार लिखे जाने तक भोज कन्या सेंटर पर फ्लाइंग स्कॉड के अधिकारी पहुंच चुके थे और जांच पड़ताल कर रहे थे।

धार कलेक्टर का यह है कहना - 
मैं अभी भोज कन्या सेंटर पर जांच के लिए भेजता हूं।
वर्तमान कलेक्टर, धार आलोक कुमार सिंह
 
भोज कन्या सेंटर पर फ्लाईग स्कॉड की टीम को भेज रहे हैं।

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